इस दौरान उन्होने कहा कि जरूरत पड़ी तो किन्नर समाज अपने खून से सींचकर राम मंदिर का निर्माण कराएगा। अगर भगवान राम के मंदिर के लिए प्राणों की बलि भी देनी पडी तो किन्नर समाज अपने प्राणों की आहुति देकर भगवान राम का मंदिर बनाएगा, लेकिन किसी हाल में पीछे नहीं हटेगा।
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर पर फाइनल सुनवाई से पहले त्रिपाठी ने कहा, यह बड़े अफसोस की बात है सियासत के चलते राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दिया गया।
पर सनातन परंम्परा को मानने वाले आशावादी होते हैं वे कभी भी निराश नहीं हो सकते हैं। अयोध्या में भगवान राम का ही मंदिर बनना चाहिए।
कोर्ट को भी भावानाओं का ध्यान रखना चाहिए। त्रिपाठी ने इस दौरान राजनीतिक दलों पर जमकर निशाना साधाते हुए कहा कि हमने राम मंदिर को बाज़ार में लाकर खड़ा कर दिया।
राम मंदिर के नाम पर लोग मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बन गए पर अयोध्या में भगवान का मंदिर अभी तक नहीं बन सका। त्रिपाठी ने कहा कि राजनीति के चलते ही मर्यादा पुरुषोत्तम राम एक राजनीतिक फीगर बनकर रह गए हैं।
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