नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि किसी भी बालिग महिला को उसकी इच्छा के अनुसार पार्टनर चुनने का अधिकार है। इसके साथ ही कोर्ट ने एक शादीशुदा महिला को उसके ट्रांसजेंडर मित्र के साथ रहने की अनुमति दे दी। बता दें कि जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की डिविजन बेंच ने एक ट्रांसजेंडर की याचिका को अनुमति देते हुए इस मामले की सुनवाई की।
इस ट्रांसजेंडर का जन्म एक लड़की के तौर पर हुआ था, लेकिन अब उसने खुद की पहचान एक पुरुष के रूप में की है। अपनी याचिका में ट्रांसजेंडर ने अपनी महिला मित्र को उसकी इच्छा के अनुसार पार्टनर चुनने का अधिकार देने की मांग की थी। ट्रांसजेंडर की महिला मित्र अपने शादीशुदा जीवन से खुश नहीं थी। उसने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला भी दर्ज कराया था। इसके बाद महिला अपने ट्रांसजेंडर मित्र के साथ रहने लगी।
याचिकाकर्ता के मुताबिक, 6 नवंबर को उसके घर पर महिला के पिता अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ आए और महिला को वहां से ले गए। महिला के ट्रांसजेंडर मित्र ने इस मामले में स्थानीय पुलिस पर महिला के पैरंट्स का साथ देने का आरोप लगाया है। कोर्ट के सामने महिला के पैरंट्स ने कहा कि उनकी बेटी द्वारा उठाए कदम की वजह से उन्होंने अपमानित महसूस किया। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि महिला अपनी इच्छा के अनुसार फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है, कोर्ट और पुलिस इसमें दखल नहीं दे सकती।
सांकेतिक तस्वीर; Source: अभिनव गर्ग, टाइम्स न्यूज नेटवर्क
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