लखनऊ महानगर इलाके में बाइक शोरूम पर फाइनेंस कंपनी के एजेंट ने थर्ड जेंडर को कर्ज देने से इन्कार कर दिया। आधार कार्ड व आयकर रिटर्न के दस्तावेज लेकर पहुंचे किन्नर से नोकझोंक हुई। अपमान से क्षुब्ध किन्नर ने महानगर थाने में शिकायत की, जहां से पुलिसकर्मियों ने तहरीर लेकर उसे टरका दिया।
वजीरगंज थाना क्षेत्र के दवरहा घाट निवासी किन्नर पायल सिंह किश्तों पर मोटरसाइकिल खरीदने के लिए मंगलवार दोपहर महानगर के बादशाहनगर स्थित शोरूम पर पहुंची। 1.56 लाख रुपये की मोटरसाइकिल पसंद करने के बाद पायल ने निजी फाइनेंस कंपनी के एजेंट से बात की। उसने आधार कार्ड, आयकर रिटर्न व अन्य दस्तावेज जांचने के बाद बॉस से संपर्क किया।
एजेंट ने फाइनेंस कंपनी में थर्ड जेंडर का कोई कॉलम न होने की बात कहकर पायल को कर्ज देने से इन्कार कर दिया। पायल ने कानूनी अधिकारों, मताधिकार व अन्य तर्क दिए। इस पर एजेंट ने किसी पुरुष या महिला के नाम से मोटरसाइकिल खरीदने का सुझाव दे डाला।
इससे क्षुब्ध पायल सिंह पुलिस से शिकायत करने महानगर थाने पहुंची। मुंशी ने टालमटोल के बाद अर्जी ली और मामले की जांच दरोगा से कराकर कार्रवाई की बात कहकर टरका दिया।
किन्नर पायल सिंह का कहना है कि 1.56 लाख की किश्तों पर बाइक लेनी थी। आधार कार्ड, आयकर रिटर्न व अन्य दस्तावेज होने के बावजूद फाइनेंस कर्मी ने थर्ड जेंडर का कॉलम नहीं होने का कारण बताकर लोन देने से मना कर दिया।
Courtesy and Thanks: Amar Ujala
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