आगरा में एक पति ने अपनी पत्नी को किन्नर बताकर घर से निकाल दिया, जबकि उसका एक बेटा भी है। पति अब पत्नी को साथ रखने के लिए तैयार नहीं है। पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला आशा ज्योति केंद्र में भी पहुंचा। मगर, कुछ नहीं हो सका। पीड़िता न्याय के लिए भटकने को मजबूर है।
बताया गया है कि कोलकाता (पश्चिम बंगाल) की रहने वाली युवती की शादी नवंबर 2014 में कोतवाली क्षेत्र निवासी युवक से हुई थी। शादी के बाद से ही पति अपनी पत्नी का उत्पीड़न करता था। मई 2015 में पति शराब पीकर आया। विरोध करने पर उसे छत से फेंक दिया।
इससे वह घायल हो गई, लेकिन उसका इलाज नहीं कराया। मई 2016 में वह दो माह की गर्भवती थी। इसका पता चलने पर पति ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। पति के घर से निकालने पर युवती मायके चली गई। मां ने बेटी के इलाज का खर्च उठाया। नंवबर 2016 में उसके बेटा पैदा हुआ। चार माह पहले युवती ससुराल आ गई।
युवती ने आशा ज्योति केंद्र की काउंसलर पायल को बताया कि उसकी सास और ननद सेक्स रैकेट चलाती हैं। वह विरोध करती है। इस कारण ही पति उसे घर में रखना नहीं चाहती हैं। इन लोगों ने उसके पति को भड़का दिया है। वहीं पति बार-बार पत्नी को किन्नर बता रहा है।
पति के आरोप लगाने पर आशा ज्योति केंद्र की ओर से युवती का मेडिकल कराया गया। मेडिकल में युवती के किन्नर न होने की पुष्टि हुई। वहीं पति बच्चे को भी अपना नहीं बता रहा है। इसके लिए उससे डीएनए कराने के लिए बोला गया है।
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